कुछ शब्दों को हिंदी RAP का आकार देते हुए|
#हिंदी RAP
सब मिटना ही तो ख़ाक में
फिर क्यों हूँ मैं तलाश में
कुछ हँसने की, कम रोने की
कुछ पाने की, कम खोने की
चाहत कुछ कर गुज़रने की
किस्मत से ताक़त लड़ने की
चट्टानें चीरकर जीतने की
दरिया से मोती चुनने की
भवँर में सुकून पाने की
हैरत में ठहर जाने की
इन्साँ में सच्चाई देखने की
ख़ुदा की परछाईं देखने की
प्रकृति का सौंदर्य समझने की
भगवान की मूरत रचने की
कुछ ख़ुद पर ज़्यादा हँसने की
दूसरों को कम परख़ने की
सफलता पाकर संयम रखने की
असफलता पर निराश न होने की
ढृढ़ता से चलते रहने की
बाधा में न रुकने की
तितली के साथ उड़ने की
इंद्रधनुष के रंग बिखेरने की
ज्वाला सी गर्मी पाने की
बर्फ़ सी शीतलता मापने की
कुछ सपने सच करने की
कुछ अपने प्रिय रखने की
सागर की गहराई भाँपने की
फ़िज़ा का वेग नापने की
कुछ और हसरतें पूरी करने की
कुछ और तलाश करने की
कुछ ख़ाक में तब्दील होने की
कुछ ख़ाक से तब्दील होने की!