Tuesday, December 7, 2021
वक्त लगा संभलने में
Saturday, November 27, 2021
सोच का ताना बाना
Friday, October 8, 2021
Corona का सफ़र (/suffer?) 😷
यदि मैं कहूं कि Corona का सफ़र suffer करते हुए बीता तो शायद ही आप लोग इससे सहमत न हो
एक ओर जहां suffer किया वहां दूसरी ओर बहुत कुछ सीखा भी, (अगर आप ज़िंदा बच गए तो!)
चीन से फैला यह तो जग जाहिर है पर कैसे? — इसपर बहुत विवाद हुए
जैसे कि हर तहलके के पीछे होते ही हैं!
और सभी मायनो में यह तहलका सभी तेहलको में सबसे चुनौतीपूर्ण प्रकोप सा साबित हुआ
जंग जारी ही है, इसे हराने की, इसके ऊपर मानवता का परचम फिर लहराने की, मास्क से निजात पाने की, हाथ धोने की, जिंदगी से हाथ न धोने की, आपस में कुछ दूरी बरकरार रखने की, पर दिलों में कोई दूरी न रखने की, इस New normal से जूझते हुए पुराने normal में फिर प्रवेश करने की।
जब इसने दस्तक दी तो लगा कि किसी ने फिज़ूल अफवाह सी उड़ा दी, समय रहते सब जल्द ठीक हो जाएगा!
समय रहते ठीक हो भी जाएगा पर जल्द! शायद नहीं – अपने समय से।
भाग्य कह लो, परमात्मा मान लो – इस बात की प्राथमिकता फिर उजागर हुई कि एक सीमा के बाद इंसान के हाथ में सब कुछ नहीं — यदि कुछ है तो बस वो है कर्म जिसे निरंतर करते जाना ही सही – हां, वैसे ही जैसा भगवद गीता में बताया ।
जीवन की क्षणभंगुरता को और मौत को बहुत ही करीबी से देखना सिखाया ।
ऐसा समय आया जब किसी न किसी का कोई न कोई करीबी व्यक्ति इस प्रकोप के गिरफ्त में मालूम पड़ा।
और जब ऐसा लगा कि सब नियंत्रित हो गया तो फिर दूसरी लहर के कहर ने बहुतों को अपना शिकार बना दिया।
सीख यह मिली की सर्वदा सचेत रहना ज़रूरी है – सावधानी हटी और दुर्घटना घटी – और भीषण रूप से –
जो कि सबने जाना।
कभी मास्क पहनने में लापरवाही – जान जाने को जन्म देगी यह किसने सोचा था।
समय पश्चात हमने इसका निजात ढूंढ भी लिया — कुछ हद तक तो — टीके के रूप में।
अमूमन Vaccinate हो जाएं तो corona सी भयावह जंग भी हम जीत जाएंगे।
ऐसा प्रतीत तो होता है।
अन्यथा जो नियत वह होगा।
तो यू हीं corona का suffering वाला सफर शायद अलविदा कह जाएगा और छोड़ जाएगा ढेर सारी सीखें, इतिहास में अंकित एक विषम समय, काफ़ी मृत तो चंद जिंदा पर ज़ख्मी इंसान और उन्हीं ज़ख्मों से फिर बना एक मज़बूत समाज।
Saturday, September 11, 2021
MEDITATION 🕉️ 🧘♀️
While meditating on MEDITATION 🕉️ 🧘♀️ -
Read or write,
Play or study...
Is akin to meditating —
being mindfully present.
Breathing in, breathing out -
The awareness of your breath —
The indivisible atom of life -
keeping all alive
holds the key to a sorted life.
And while myriad thoughts may drift you hither - thither
Unfazed, be a silent observer
Embrace the cloud like thoughts
Unraveling the sky constituting you.
Undoubtedly, there may be heaps of mental chatter
Just like the traffic encountered on the road
- Not resisting the traffic
- Not judging the chatter
- you have to keep on moving
Thus, is - living in the present moment
Wednesday, August 4, 2021
Black sheep, white Sleep 💤
Wednesday, July 28, 2021
Every 'BEAUTIFUL' mind
Gratitude
Whatever there is, is a gift. The present we must value - every present moment. But as humans we tend to forget it. Take everyth...
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Sitting in a parlour, Vanity at its peak! While you can change your appearance in a jiffy - If only, you could have perfected y...
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Hola guys!!! An attempt reminiscing my journey (observations and indulgences) of doing garba since 10/10/10... Also, happy गणेश चतुर्थी m...