Friday, August 30, 2024

कल-युग?

हमारे ज़माने में TV को idiot box कहते थे क्योंकि लोग smart होते थे -
और अब?
समझ गए होंगे (या नहीं! - smart हैं आख़िर?)
अब तो सब smart हैं -
Phones, fans, bulbs, glasses! 
फिर इंसान कैसे पीछे रह गए?
कहीं हर gadget को smart बनाते बनाते - हम ख़ुद बेवकूफ़ तो नहीं बन गए?
Smartphones देखते हुए समय बर्बाद करते हैं
Smart TV देखते हुए आँखें!
फिर smart glasses पहन कर रुतबा कायम करते हैं?
अपना दिमाग़ यंत्रों में डालकर Artificially intelligent कहलाते हैं?
क्या विडंबना है –
Drive करके walk करने जाते हैं
Rumba झाड़ू पोंछा लगा देता है
और diswasher बर्तन धो देता है
ज़िंदगी इतनी mechanized हो गई है कि इंसान ख़ुद mechanical हो गया है -
इन्हीं यंत्रों पर निर्भर –
Essay chatGPT लिख देता है
और ज़ुकाम की दवा Google बता देता है
AI मेरा powerpoint presentation बना देता है
और Google wallet मेरी जेब ढीली कर जाता है
बस इन्हीं generative और predictive AI से हमारी दुनिया चलती रहती है -
एक समय जहांँ तंत्र विद्या सर्वोपरि थी -
अब वहीं यंत्र विद्या का बोलबाला है -
कल तक जहांँ हम यंत्र चलाते थे
अब यंत्र हमें चलाते हैं
अब robots human-like हो गए हैं
और humans mechanised 
जहाँ कल तक मैं काग़ज़ पर क़लम से कविता रचती थी -
अब वही जगह smartphones और stupid उँगलियों ने ले रखी है!
सुना था कलयुग पुनः स्थापित होगा -
कहीं यह उसी कल-युग का अंदेशा तो नहीं?





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